Carnival Real Ghost Stories In Hindi. यह कहानी हमारे गाँव में लगे मेले के भूत की है। यह बात उस समय की है जब हमारे गांव में एक मेला लगा था। वहां पर एक भूत-बंगले में मेरा एक असली भूत से सामना हो जाता है।
यह बात उस समय की है जब हमारे गांव में एक मेला लगा था। मेरा गांव पहाड़ों के बीच में बसा हुआ था तो बहुत ही कम ऐसे मौके होते थे कि हमारे गाँव में इस तरह के कोई उत्सव हो।
मेरा नाम सोमनाथ है। मेरी उम्र 32 साल है और जिस समय की यह कहानी है, उस समय में, मैं केवल 12 साल का था। मैं एक ऐसे गांव में रहता था जहाँ पर खूब सारे पहाड़ थे। हमारा गांव बहुत ही सुन्दर था।
उस गांव में एक बार एक मेला लगा था और मेले में आसपास के सभी गाँव के लोग जा रहे थे और कुछ लोग उस मेले में लगी दुकानों की तारीफ कर रहे थे।
हमारे गांव के भी कई लोग उस मेले में हो आये थे और उनमें से एक मेरे पास ही के एक काका थे। वो मेरे पापा से बात कर रहे थे और कह रहे थे कि वो मेला बहुत ही शानदार है और वहां पर कई सारी मिठाइयों की दुकाने भी लगी है।
बहुत सारे झूले भी है उस मेले में। वहां एक भूत-बंगला भी है। तुम भी एक बार हो आओ।
मेरे पापा तो नहीं जा रहे थे पर मैंने जिद की तो उन्होंने मुझसे कहा कि “ठीक है।” हम चलते है। मैं उनकी यह बात सुनकर काफी खुश था।
अगले दिन शाम होने से थोड़े समय पहले मैं अपने पापा के साथ उस मेले के लिए रवाना हो गया। जब मैं उस मेले में पहुँचा तो मैंने देखा कि वहां बहुत सारे लोग थे। कुछ को तो मैं जानता भी था। बहुत सारे तो मेरे दोस्त थे और बहुत से तो मेरे ही गांव के थे। मेरे सारे दोस्त भी अपने परिवार के साथ उस मेले में आये हुवे थे।
मेरे पापा के साथ मैंने खूब मस्ती की थी उस जगह। मैंने बहुत सी मिठाइयाँ खाई और बहुत से झूलों पर मैं बैठा था। उस मेले में घूमते-घूमते शाम हो गई थी। पर अभी भी हल्की-हल्की रौशनी थी।
मैंने थोड़ी सी दुरी पर बने उस भूत-बंगले को देखा। जिसके बारे में, पिछले दिन काका बता रहे थे। मैं अपने पापा से जिद करने लगा कि पापा मुझे भी इस भूत-बंगले के अंदर जाना है। वैसे तो मेरे पापा ने मना कर दिया पर उस भूत-बंगले को चलाने वाले ने कहा कि साहब यह इतना डरावना नहीं है कि इसमें छोटे बच्चे नहीं जा सकते।
यह छोटे बच्चों के लिए बनाया गया है। आप चाहे तो अपने बेटे के साथ इसके अंदर जा सकते है। मेरे पापा ने भी सोचा कि चलो ठीक है!
और उन्होंने दो टिकट ख़रीदे और वो उस भूत-बंगले के अंदर मेरे साथ चले गये।
वह भूत-बंगला इतना डरावना नहीं था जितना की होना चाहिए था। वह भूत-बंगला मेरे पापा के लिए इतना डरावना नहीं था। पर मेरे जैसे, एक बच्चे के लिये वो काफी डरावना था। मैं जब अंदर गया था तो मैंने देखा कि वहां बहुत सारे ऐसे सामान रखे थे जिन्हें देखकर बच्चे काफी डरते है जैसे कि कंकाल, खून से भरा हुआ फव्वारा, मकड़ी के जाले, डरवाने जानवर आदि। मुझे सबसे ज्यादा डर तो उस भूत-बंगले में से जो आवाज आ रही थी, उससे लग रहा था।
वो आवाज काफी भयानक थी और वो आवाज मुझे आज भी याद है। मैं आपको केवल बता नहीं सकता कि वो आवाज कैसी थी?
थोड़ी देर बाद, हम उस भूत-बंगले के आखिरी छोर पर आ चुके थे। तभी मुझे अपने पीछे से एक ऐसी आवाज आई जो तब आती है जब कोई बड़ी-सी बॉल (Ball) जमीन से टकराती हो। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मुझे एक काले कपड़ों में एक आदमी दिखाई दिया जिसे देखकर मैं काफी डर गया था।
वो जो कोई भी था उसका पूरा शरीर काला और अजीब से कपड़ों से ढका था। वे कपडे काले रंग के थे। उसकी आँखें लाल थी और उसके दो बड़े दाँत थे। वो मुझे देखकर हंस रहा था। उसकी हंसी बड़ी ही भयानक थी और उसके मुँह से उसके भयानक दाँत दिखाई दे रहे थे। उसके हाथों में वो बॉल थी और वो उसे अपने दोनों हाथों से पकडे हुवे था। उसके हाथों के नाखून काफी बड़े और पैने थे।
वो मुझे अपनी ओर बुला रहा था। यह देखकर मैं इतना डर गया कि मैंने अपना हाथ अपने पापा के हाथों में कसकर पकड़ लिया। जब हम बाहर निकले तो मेरे पापा ने कहा कि देखो! डरो मत, ये केवल हमें डराने के लिए बनाया गया है। यह सच नहीं है।
मैंने अपने पापा से कहा कि हा, पापा पर वो काले कपड़ों वाला तो काफी डरावना था। मेरे पापा ने उस काले कपड़ों वाले भूत को नहीं देखा था तो उन्होंने चौक कर कहा कि सच में, तुम डर गये थे।
उसके बाद जब मेरे पापा उस भूत-बंगले वाले मालिक के पास गये तो उन्होंने उससे कहा कि तुम्हारा भूत-बंगला तो बच्चों को अच्छा डरा रहा है। फिर उन्होंने, उस काले कपडे वाले भूत के बारे में कहा तो वो भूत-बंगले वाला बोला कि अंदर तो सिर्फ नकली सामान रखे है और कोई भी आदमी नहीं है जो लोगों को डरा सके।
शायद, इस बच्चे ने कोई पुतला देखा हो। मेरे पापा भी बोले कि हा, हो सकता है।
फिर, उसके बाद हम घर वापस लौट आये। मैं जब रास्ते में आ रहा था तब मैं केवल यहीं सोच रहा था कि अगर उस भूत-बँगले में लोगों को डराने के लिये कोई आदमी नहीं था तो वो कौन था जिसे मैंने देखा था? वो पक्के से कोई पुतला तो नहीं था। वो मुझे अपनी ओर बुला रहा था। अगर मैं उसके पास चला जाता तो मेरा क्या होता? यह बात आज भी मुझे काफी डराती है।
तो दोस्तों यह थी मेले के भूत की एक सच्ची भूतिया घटना। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग Horrorstoryhindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube Channel “Creepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।
धन्यवाद!