खौफ की रात (Khauf Ki Raat)

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खौफ की रात (Khauf Ki Raat) Horror Story: यह कहानी राजेश की है, जिसके साथ एक खौफनाक वाकिया पेश आता है। जब वह अपने हॉस्टल में अकेले एक रात रुकता है।

मेरा नाम राजेश है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ। में एक स्टूडेंट हूं, इसलिए मे पढ़ाई करने के लिए एक हॉस्टल में रहता था, उस हॉस्टल में मेरे बहुत से फ्रेंड थे। दिवाली का टाईम आने वाला था मेरे सभी फ्रेंडज़ घर जा रहे थे क्यूंकि वो सभी दूसरे स्टेट्स के थे इसलिए वो जल्दी चले गए। मेरे इक्का दुक्का फ्रेंड ही हॉस्टल मे बचे थे। जो भी थोड़े दिनों मे जाने वाले थे। मेरा घर चुकी शहर के पास ही एक गाव मे था।

ओर में बीमार भी पड़ गया था पहले जिस कारण से मेरी बहुत सी स्टडी भी बर्बाद हो गयी थी तो मेने हॉस्टल में ही रहने का निश्चय किया था, ताकि में अपनी छूटी हुई स्टडी को पूरा कर सकूं। मेरे घर वालों ने भी मुझे मंजूरी दे दी वही रुकने की। जो मेरे बचे हुए दोस्त थे अब वे भी अपने घर चले गए। हॉस्टल मे बचा तो मे ओर मेरा वार्डन । दिवाली की रात आने वाली थी, तो मेरा वार्डन भी मुझे चाबी देके अपने घर चला गया। अब हॉस्टल मे केवल में ही बचा था।

मैं अपनी पढ़ाई करके सोने चला गया। रात के करीब 2 बजे मेरी नींद खुली मुझे किसी के फुसफुसाने की आवाज़ सुनाई दी, पर हॉस्टल मे मेरे अलावा तो कोई भी नहीं था तो ये आवाज कोन कर रहा था। मे बहुत डर गया कि एक तो इस सुनसान हॉस्टल मे मेरे अलावा कोई भी नहीं है ओर ऊपर से आती हुई यह आवाज। मेरे शरीर मे कपकपि  उठ गयी और में काँपने लगा। उस वक्त मेरा चुप रहना ही सही था क्यूंकि बाहर कोन है? यह में नहीं जानता था। मेने रजाई अपने मुह तक ओढ़ ली ओर सोने की कोशिश करने लगा। कि तभी मेरे दरवाजे पर हल्की सी खटखटाने  की आवाज आयी, मारे डर के मेरे पसीने छूट रहे थे आवाज थोड़ी देर तक हुए फिर घोर चुप्पी छा गयी। घोर सन्नाटा हो गया पूरे हॉस्टल मे। पर उस समय मुझसे पूछो की डर क्या होता है, रात अभी बाकी थी। में खुद को मन ही मन यह बोल रहा था कि ओर रुको यहाँ घर चले जाते तो क्या बिगड़ जाता नहीं पर साहब को तो पढ़ना है, बड़े आइंस्टीन बनेंगे।

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अब भुगतो। यही सोच रहा था कि एक दम से माहोल मे फिर से वही डर छा गया। मेरे कमरे के बाहर किसी के चलने की आवाजें आ रही थी। थोड़ी देर बाद आवाज बंद हो गयी। कि तभी दरवाजे को ज़ोर ज़ोर से उसने पीटा। थोड़ी देर बाद उसने मेरा नाम पुकारा ..राजेश… बस यह काफी था एक हार्ट अटैक के लिए, उसको मेरा नाम कैसे पता चला? वो बोला बाहर तो आओ, दरवाजा खोलो मुझे अंदर नहीं बुलाओगे। वह आवाज किसी इंसान की तो नहीं हो सकती थी, बहुत ही डरावनी आवाज थी। मेने दरवाजा नहीं खोला अब वो चिल्ला के बोला दरवाजा खोल नहीं तो,

राजेश.. दरवाजा खोल। वो अब बहुत गुस्से मे था।

मैं मन ही मन हनुमान चालीसा पढ़ने लगा, में रात भर नहीं सोया हनुमान चालीसा का पाठ करता रहा। दरवाजे पर खुरचने की आवाजें आती रही। जैसे-तैसे करके मेने रात काट ली। सुबह तक में हनुमान चालीसा का पाठ करता रहा। सूर्योदय हो गया था, में हिम्मत करके बाहर निकला, वहां कोई नहीं था।

पर दरवाजे पर नाखूनों के निशान थे। में बस यही सोचता रहा कि अगर में बाहर चला जाता तो मेरे साथ क्या होता। मेने अपने वार्डन को फ़ोन लगाया। कुछ समय बाद वार्डन हॉस्टल मे आया। मेने उसे चाबी दी ओर कहा में अपने घर जा रहा हूँ, मेने उसे रात का सारा किस्सा सुनाया पर वो चुप था, उसके चहरे को देख कर ऐसा लग रहा था कि वो कुछ जानता है। मेने उसे वो निशान भी दिखाये पर वो निशान जैसे कभी वहा थे ही नहीं। में आज तक उस भयानक रात को नहीं भूला। मेने उस हॉस्टल को छोड़ दिया। में बच पाया क्यूंकि मेरे साथ वीर हनुमान जी थे।

वो कौन था? कहा से आया? मैं नहीं जानता।

So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “खौफ की रात (Khauf Ki Raat) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग Horrorstoryhindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube ChannelCreepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।

धन्यवाद!

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