गुस्सैल आत्मायें (Angry Spirits) Horror Story: यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो भूत-प्रेतों को महसूस कर सकती है और उसके जीवन में दो ऐसे भूतिया हादसे होते है जिन्हें आप इस कहानी के माध्यम से पढ़ सकते है। यह कहानी गुस्सैल आत्माओं पर आधारित है।
एक रात मैं, मेरा बॉयफ्रेंड और मेरी दोस्त यूं ही कार में घूम रहे थे। कोई खास प्लान नहीं था, बस रास्ते में एक पुराना कब्रिस्तान दिखा और न जाने क्यों, हमें वहाँ जाने का मन हुआ। हमें भूत-प्रेत जैसी चीज़ों में बहुत दिलचस्पी है।
मुझे आत्माओं को महसूस करने की एक अजीब-सी शक्ति है। जैसे ही हम कब्रिस्तान के पास पहुँचे, मेरे अंदर एक बेचैनी फैल गई। बाक़ी दोनों कार से बाहर निकल गए, लेकिन मैं अंदर ही बैठी रही….कुछ था जो मुझे रोक रहा था।
तभी मेरी दोस्त भागती हुई वापस आई, घबराई हुई, और बोली कि उसने कुछ दूर पर कुछ देखा है।
हम सब वापस कार में बैठे और हमने उस दिशा में कार घुमा दी।
जैसे ही हम उस कब्र की ओर बढ़े, मेरा शरीर बुरी तरह काँपने लगा। मेरी दोस्त और मैंने साफ देखा कि एक काली आकृति उस कब्र के पास खड़ी थी। जितना नज़दीक जाते, मेरी कंपकंपी और बढ़ती जाती। ऐसा लग रहा था जैसे वो परछाईं मुझे चोट पहुँचाना चाहती हो। नफ़रत और दर्द की लहरें मेरे अंदर घुस रही थीं। मैं अपने आँसुओं को रोक नहीं पाई और मैं रोने लगी।
मेरा बॉयफ्रेंड और दोस्त वहाँ रुकना चाहते थे….खासतौर पर मेरा बॉयफ्रेंड क्योंकि उसे तो कुछ दिखा ही नहीं।
पर मैं वहाँ से निकलना चाहती थी। मेरा मन कह रहा था कि यह जगह तुम्हारे लिए सही नहीं है।
घर पहुँचने के बाद भी मुझे काँपना बंद करने में एक घंटा लग गया। बरसों हो गए थे किसी आत्मा को देखे हुए, पर इस बार कुछ अलग था… जैसे उस आत्मा का मुझसे कोई पुराना हिसाब बाकी हो।
ऐसा अनुभव मुझे बस एक बार और हुआ था…..जब मैं कोई 9 या 10 साल की थी।
मैं और मेरी एक पुरानी दोस्त, हमारे पेड़ों के पास बने एक छोटे-से क्लब को सजाने के लिए कुछ चीज़ें ढूँढ रहे थे। तभी हमें सीमेंट की कुछ पट्टियों का ढेर मिला। वहाँ कुछ जंग लगे टिन के डिब्बे और अजीब-सी चीज़ें बिखरी पड़ी थीं।
वो दूसरी ओर चली गई, और मेरी नज़र एक छोटे-से गड्ढे पर पड़ी। उसके अंदर एक डिब्बा था, गड्ढा इतना छोटा था कि उसमें बस वही डिब्बा आ सकता था, कुछ और नहीं।
मैंने जैसे ही हाथ बढ़ाया, उस गड्ढे से एक जली हुई, काली, खुरदुरी हथेली ने मेरी कलाई जकड़ ली।
एक झटका-सा लगा, जैसे मेरी कलाई आग में जलने लगी हो।
मैं चिल्लाई, खुद को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन वो पकड़ इतनी मज़बूत थी कि मेरी साँस अटक गई।
काफी ज़ोर लगाने के बाद जब हाथ छूटा, तो मेरी कलाई पर एक काले हाथ की छाप थी…..गहरी, चमकती हुई।
मैं डर के मारे पलटी और जोर-जोर से अपनी दोस्त को पुकारा।
जब वो वापस आई… निशान ग़ायब हो चुका था।
आज तक, उस कब्रिस्तान वाली रात को जो मेरी दोस्त साथ थी, सिर्फ़ वही मेरी उस बचपन की घटना पर यक़ीन करती है।
बाक़ी दुनिया अब भी यही मानती है कि मैंने बस कुछ “महसूस” किया।
लेकिन मैं जानती हूँ… जो मैंने देखा, वो असल था। और मैं सिर्फ़ यही चाहती हूँ—कि कहीं न कहीं कोई तो हो… जो मुझ पर यक़ीन करे।
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Story Credits: JessicaC
So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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