Navratri Ghost Stories In Hindi नवरात्रि भूतिया कहानिया

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पढ़े Navratri की Real Ghost Stories In Hindi. यह बात तब की है जब नवरात्रि की रात को मैं दोस्त के घर से लौट रहा था, तब मेरे साथ एक डरावना वाकिया पेश आया था।

यह बात नवरात्री के समय की है। उस समय, मैं अपने दोस्त के घर नवरात्री में दिया हुआ होमवर्क पूरा कर रहा था। उसका घर मेरे घर से कुछ 15 मिनट के रस्ते पर था।

नवरात्री का समय था तो हर जगह नवरात्री के भजन चल रहे थे और लोग भी काफी धूमधाम से माता रानी की भक्ति में मग्न थे।

हम दोनों का होमवर्क पूरा हो गया। हमने एक दिन में ही पूरा होमवर्क कर लिया था। जिस समय हमारा होमवर्क पूरा हुआ उस समय रात के 11 बज रहे थे। पर मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। क्यूँकि पहले भी मैं उसके साथ इतनी रात तक रुका था। पर हर बार में उसके घर पर ही रात रुकता था।

पर आज मुझे घर जाना था तो मैंने अपना सारा सामान उठाया और उससे बाई… कहकर मैं अपने घर की ओर निकल गया। रात काफी हो जाने के कारन आसपास चहल-कदमी बिलकुल नहीं थी।

पर मुझे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा था और मैं अपने घर की ओर बढ़े जा रहा था। तब मेरे सामने दो रास्ते आये। दोनों रास्ते मेरे घर की ओर जाते थे। एक रास्ता थोड़ा लम्बा था और दूसरा रास्ता एक गली से होकर जाता था।

मैंने जल्दी पहुँचने के लिये उस गली का रास्ता चुन लिया।

वो एक सुनसान गली थी और वो एक ऐसी गली थी जिसमें लोग रात तो क्या सुबह भी मुश्किल से जाते थे। पर उस गली से मेरे घर तक पहुँचने का रास्ता काफी छोटा था इसलिये मैंने ये गली वाला रास्ता चुना।

उस गली में ज्यादा रौशनी नहीं थी जिस कारन वहाँ पर थोड़ा-थोड़ा अँधेरा भी था तो सही से दिखाई नहीं दे रहा था। पर फिर भी मैं आगे बढ़े जा रहा था।

थोड़ी दुरी पर जाने पर मैंने देखा कि मेरे सामने कोई खड़ा है। वो जो कोई भी था सही से दिखाई तो नहीं दे रहा था। केवल उसकी धुँधली परछाई-सी दिखाई दे रही थी।

वो एक घर के कौने पर खड़ा था और उसका चेहरा मेरी ओर था। मतलब उसे पता था कि मैं उसके सामने हूँ। वो जो कोई भी था काफी लम्बा था और उसके सर पर मैंने दो बड़े-बड़े सींघ भी देखे।

उसे देखकर मेरे पैर वहीँ जमीन पर ही जम गये थे और मेरा शरीर डर से काँप रहा था। मैं समझ गया था कि यह कोई इंसान नहीं हो सकता बल्कि वो एक शैतान था।

पर अजीब बात यह थी कि वो शैतान मेरे पास नहीं आया बल्कि वो दूर खड़ा होकर मेरी ओर ही देख रहा था।

मैंने भी अपनी हिम्मत जुटाई और माता रानी का नाम लेकर मैं आगे बढ़ने लगा। पर न चाह कर भी मैं उसे देख रहा था। उसकी आँखे लाल थी और वो काफी बड़ा था इतना कि किसी को भी अपने पैरों में कुचल कर मार सके।

मैं उस गली से बाहर निकल आया और अब मेरी जान में जान आई। मैंने पीछे मुड़कर देखा पर वहाँ कोई नहीं था।

मैं तेजी से भाग कर अपने घर लौट आया और अपने कमरे में जाकर सौ गया।

मुझे नहीं पता था कि वो क्या था? पर घर पर मैंने देखा कि मेरे गले में माँ दुर्गा का ताबीज़ था। शायद इसीलिये वो शैतान मेरे पास नहीं आ पा रहा था।

मुझे मेरी दादी की भी बात याद आई कि त्योहारों पर अच्छी ताकतों के साथ बुरी ताकतें भी इस दुनिआ में भटकती है। ये ताकतें रात के समय बहुत ज्यादा सक्रीय रहती है। इसलिए हमें ऐसी ताकतों से बचकर रहना चाहिए और सुनसान जगहों पर जहाँ कोई आता जाता नहीं है वहां नहीं जाना चाहिए।

यह बात मैंने अपने घर में किसी को भी नहीं बताई क्योंकि मैं नहीं चाहता कि सब मेरी वजह से चिंता करे।

तो दोस्तों, यह थी Navratri के समय की सच्ची Ghost Stories In Hindi में। आपकी प्रतिक्रिया हमें Comment कर बताये।

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