Hachishakusama In Hindi | 8 Feet Tall Japanese Urban Legend | हाचिशाकुसामा

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Hachishakusama: दोस्तों, हाचिशाकुसामा एक जापानी अर्बन लीजेंड है जो कि छोटे बच्चों का अपहरण कर लेती है और यह दिखने में काफी डरावनी और भयानक और लगभग 8 फिट लम्बी होती है। इस लीजेंड से जुडी एक कहानी भी है जो काफी  डरावनी और इंटरेस्टिंग है और इसे मैंने एक साइट से अनुवाद करके आपके समक्ष पेश किया है।

Hachishakusama In Hindi: A Japanese urban Legend

हाचिशाकुसामा Hachishakusama कौन है?

“हाचिशाकुसामा” मतलब कि 8 फीट लंबा। 

दोस्तों, हाचिशाकुसामा एक जापानी शब्द है और हिंदी में इसका मतलब 8 फिट लंबा होता है। जापानी भाषा में हाचि का मतलब 8 होता है और शाकु का मतलब फीट होता है वही सामा का अर्थ लंबाई को दर्शाने के लिए किया जाता है। 

अब आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको Hachishakusama के बारे में क्यों बता रहा हूँ। 

दोस्तों दरअसल यह एक जापानीज अर्बन लीजेंड Japanese Urban Legend है और यह Legend एक ऐसी लंबी और भयानक औरत के बारे में है, जो छोटे बच्चों का अपहरण करती है। 

हाचिशाकुसामा को एक आदमी से दूसरे आदमी अलग-अलग तरीके से वर्णित (Describe) किया गया है। कुछ लोगों ने इसे किमोनो पहनी हुई भयानक बूढ़ी औरत के रूप में देखा है, तो कुछ लोगों ने सफेद कफन पहनी हुई लड़की के रूप में। 

एक चीज जो इसके बारे में हमेशा समान रहती है, वह इसकी ऊंचाई और एक आवाज जो इसके आने पर होती है। जब भी यह आती है तो एक भारी और मर्दाना आवाज सुनाई देती है, जो कि कुछ इस प्रकार की है… पो पो पो पो पो पो पो पो…. 

यह बात तो निश्चित नहीं है कि यह आवाज किस तरह की होती है क्योंकि यह आवाज बहुत ही धीमी और समझ के परे होती है। 

Hachishakusama एक सफेद ड्रेस पहनती है और सिर पर टोपी पहनती है। कुछ कहते हैं कि यह पुआल से बनी टोपी पहनती है और कुछ कहते हैं कि यह सफ़ेद रंग की टोपी पहनती है। पर इससे तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह क्या पहनती है और क्या नहीं? जब यह आपको दिखेगी तो आप इसे इसके पहनावे और इसकी भारी और पो पो पो पो…. करती हुई आवाज़ से इसे पहचान जाओगे।

Hachishakusama vs Slender Man Hindi
Hachishakusama Japanese Urban Legend

हाचिशाकुसामा के हाथ और पैर काफी लंबे हैं और इसके बाल काले है जो इसके पूरे चेहरे को ढके रहते हैं। इस लीजेंड को अमेरिका के एक लीजेंड सिलेंडर मैन The Slender Man से भी जोड़ा जाता है, जो लोग सिलेंडर मैन के बारे में नहीं जानते हैं उन्हें बता दू कि सिलेंडर मैन एक लंबा, पतला और बिना चेहरे का एक क्रीचर है और यह जंगलों में रहता है। यह बच्चों को फंसा कर उन्हें अपना शिकार बनाता है और फिर मारकर खा जाता है। 

दोस्तों Hachishakusama के बारे में सबसे खतरनाक बात यह है कि यदि इसने आपको एक बार देख लिया तो यह आपका पीछा तब तक नहीं छोड़ती जब तक कि यह आप को पकड़ ना ले। 

इसका मुख्य शिकार छोटे बच्चे होते हैं। यह तो कोई नहीं जानता कि उन बच्चों का क्या होता है जिन्हें यह पकड़ लेती है पर फिर उन्हें कभी नहीं देखा जाता।

हाचिशाकुसामा की कहानी

इस Urban Legend से सम्बंधित एक कहानी है जो जिसका मैं अनुवाद कर रहा हूँ।  इस कहानी को पढ़कर हमें इसके बारे में अच्छे से जानकारी मिलेगी।

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मेरे दादा-दादी जापान में रहते थे और हर गर्मी की छुट्टियों में, मेरे माता-पिता मुझे उनके पास ले जाते थे। वह एक छोटे से गांव में रहते थे और उनका आंगन बहुत ही बड़ा था जिसमें, मैं घंटों तक खेला करता था। मेरे दादा-दादी मुझे बहुत प्यार करते थे।  आखरी बार मैंने उन्हें गर्मियों के दौरान देखा था जब मैं 8 साल का था।

हर बार की तरह, जब मैं और मेरे माता-पिता उनसे मिलने गये तो वह बहुत खुश थे। मेरे माता-पिता आगे की यात्रा पर जाने के कारण मुझे उनके पास छोड़ कर चले गए थे।

एक दिन की बात है, जब मैं अपने आंगन में खेल रहा था और मेरे दादा दादी घर के अंदर थे। यह गर्मी का सबसे गर्म दिन था और मैं आराम करने के लिए घास पर लेटा हुआ था। मैं बादलों की ओर देख रहा था और सूरज की धूप में गर्म घास का मजा ले रहा था।

जैसे ही मैं उठने वाला था कि मैंने एक अजीब सी आवाज सुनी। मैं नहीं जानता कि वह आवाज किस तरह की थी और यह भी जान पाना मुश्किल था कि वह आवाज कहाँ से आ रही थी।

मैं आस-पास देख रहा था। मैं उस जगह को ढूंढ रहा था, जहाँ से वो आवाज आ रही थी कि तभी मैंने नोटिस किया कि हमारे आंगन को घेरने वाली Boundry Wall के सबसे ऊपर कोई चीज है और यह एक पुआल की बनी टोपी थी। वह टोपी Boundary Wall पर नहीं बल्कि उसके पीछे थी। उसी जगह पर जहाँ से वह आवाज आ रही थी।

थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि वो टोपी हिलने लगी जैसे कि कोई उसे पहनकर चल रहा हो। वो टोपी Boundary Wall के एक छोटे से छेद पर जाकर रुकी और मैंने एक चेहरे को उस छेद से झाँकते हुवे देखा। यह एक औरत थी पर वह Boundary Wall काफी लंबा था लगभग 8 फीट लंबा।

मैं हैरान था कि यह औरत इतनी लंबी कैसे थी? मैं यह सोच रहा था कि शायद इसने कोई ऊंची एड़ी के जूते पहने हो या फिर कोई हाई हील। थोड़े समय बाद या थोड़े सेकंड के बाद वह चली गई और वो अजीब सी आवाज भी उसके जाने के साथ में ही धीरे-धीरे कम होती जा रही थी।

डर के मारे, मैं उठा और घर के अंदर चला गया। उस समय मेरे दादा-दादी किचन में बैठकर चाय पी रहे थे। मैं किचन में जाकर टेबल पर बैठ गया और कुछ समय बाद मैंने उन्हें अपने साथ जो भी हुआ उसके बारे में बताया।

वह मेरी ओर ध्यान नहीं दे रहे थे जब तक कि मैंने उन्हें उस अजीब-सी आवाज के बारे में नहीं बताया। जैसे ही मैंने यह कहा वैसे ही दोनों अपनी जगह पर एकदम से जम गये।

(दादी की आँखें फटी हुई थी और उन्होंने अपना मुंह अपने हाथों से ढका हुआ था।)

दादाजी का चेहरा बहुत ही सीरियस दिख रहा था और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

यह बहुत ही जरूरी है कि जो तुम्हारे साथ हुआ ठीक वो तुम हमें बताओ।

वह कितनी लंबी थी? उन्होंने एक तेज आवाज में कहा।

गार्डन की Wall Boundary जितनी लंबी। मैंने डरते हुए कहा। 

मेरे दादाजी ने सवालों की मुझ पर बौछार कर दी। वह कहाँ खड़ी थी? यह कब हुआ ? तूने क्या किया? क्या उसने तुम्हें देखा?

मैंने जितने अच्छे से हो सके उतने अच्छे से उनके सवालों का जवाब दिया। वह अचानक से हॉल में गये और उन्होंने एक फोन कॉल की।

उन्होंने जो भी कहा मैं नहीं सुन पाया। मैंने अपनी दादी माँ की ओर देखा। वह काँप रही थी। दादाजी वापस कमरे में आये और उन्होंने मेरी दादी से बात की।

“क्या हो रहा है दादाजी?” मैं चिल्लाया।

उन्होंने दुखी नजर से मेरी ओर देखा और कहा कि “तुम हाचिशाकुसामा के द्वारा पसंद किये गये हो।”

ऐसा कहकर वे तुरंत ही अपने ट्रक से कहीं चले गये।

मैंने अपनी दादी माँ से पूछा कि Hachishakusama कौन है?

“चिंता मत करो।” उन्होंने काँपती हुई आवाज में कहा।

दादा जी सब कुछ संभाल लेंगे। तुम चिंता मत करो। हम अपने किचन में बैठे दादाजी के आने का इंतजार कर रहे थे। तब मेरी दादी मा ने बताया कि Hachishakusama कौन है?

दोस्तों जो भी लेखक की दादी ने बताया था। वह सब हम शुरुआत में जान चुके हैं।

लेखक की दादी ने बताया कि बहुत समय पहले हाचिशाकुसामा को Monks साधुओं के द्वारा पकड़ लिया गया था और उसे गांव के बाहर एक पुरानी इमारत में कैद कर दिया गया था। उन्होंने उसे चार छोटी धार्मिक मूर्तियों के सहारे कैद कर लिया था जिन्हें जिजोसZezos” कहा जाता है, जो कि उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशा के कोनों में रखी गई।

वहाँ से निकल पाना संभव नहीं था, पर किसी तरह से हाचिशाकुसामा वहाँ से आजाद हो गई हो गयी। आखिरी बार हाचिशाकुसामा को 15 साल पहले देखा गया था।

मेरी दादी मां ने कहा कि जो कोई भी उसे देख लेता है वह जल्द ही मर जाता है या फिर गायब हो जाता है। मुझे यह सब कुछ अंधविश्वास लग रहा था। मैं निश्चित नहीं था कि मुझे किस चीज पर विश्वास करना चाहिए।

जब दादाजी वापस आये तो उनके साथ एक बूढ़ी औरत भी थी। उसका नाम के-सान था। उसने मुझे चमड़े से बने कागज का टुकड़ा दिया और कहा यह लो और इसे पकड़ो।

उसके बाद, वो और दादाजी ऊपर की सीढ़ियों से मेरे कमरे में चले गये। मैं और मेरी दादीमा हम दोनों किचन में अकेले थे।

मुझे टॉयलेट जाना था। मेरी दादी मुझे टॉयलेट ले गई और उन्होंने मुझे दरवाजे को बंद करने से मना कर दिया। इन सब चीजों ने मुझे एक बार फिर से डरा दिया था। थोड़ी देर बाद दादाजी और के-सान मुझे मेरे कमरे में ले गये।

उन्होंने खिड़कियों को न्यूज़पेपर से ढक रखा था और उन पर कई सारे पुराने मंत्र लिखे गए थे। कमरे के चारों कोनों पर चार छोटे-छोटे नमक से भरे कटोरे रखे हुए थे।

एक बुद्धा की छोटी सी मूर्ति को कमरे के सेंटर में एक लकड़ी के बॉक्स के ऊपर रखा गया था। वहाँ पर एक बाल्टी भी थी।

“यह बाल्टी किसलिए, मैंने पूछा।”

“यह तुम्हारे मल-मूत्र के लिए है। दादा जी ने कहा।”

के-सान ने मुझे बेड पर बिठाकर मुझसे कहा कि जल्दी सूर्यास्त होने वाला है इसलिए ध्यान से सुनो। तुम्हें कल सुबह तक इस कमरे में रुकना है। तुम्हें कल सुबह 7:00 बजे से पहले तक इस कमरे से किसी भी हालत में बाहर नहीं निकलना है।

उस समय तक, तुम्हारे दादा-दादी ना तो तुमसे बात करेंगे और ना ही तुमसे मिलेंगे।  याद रखना कि उस समय तक किसी भी हालत में तुम्हें इस कमरे से बाहर नहीं निकलना है। मैं तुम्हारे माता-पिता को इन सब चीजों के बारे में बता दूंगी।

उसने गंभीर तरीके से मुझसे यह सब कहा था और मैं चुपचाप अपना सिला दिया।

तुम्हें अंत तक के-सान के बातें माननी है। दादा जी ने कहा, और इस चमड़े के कागज को अपने से अलग मत होने देना।

यदि और कुछ तुम्हारे साथ हो तो बुद्धा से प्रार्थना करना और हमारे जाने के बाद दरवाजे को लॉक कर लेना।

उनके जाने के बाद, मैंने दरवाजे को लॉक कर लिया। मैं टीवी देखने लगा पर मैं बहुत नर्वस था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं एक जेल के अंदर हूँ और मैं बहुत निराश और डरा हुआ था। मैं बेड पर लेट गया और मुझे नहीं पता कि कब मुझे नींद आ गई।

जब मैं उठा, तब रात के 1:00 बज रहे थे। तभी अचानक से मैंने महसूस किया कि कोई तो है जो खिड़की को खटखटा रहा है। मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे मेरे चेहरे से खून बह रहा हो और मेरे दिल ने धड़कना बंद कर दिया हो।

मैंने खुद को शांत करने की कोशिश की। मैंने अपने आप से कहा कि यह सब हवा के कारण हो रहा होगा या फिर यह पेड़ की शाखाओं के कारण।

मैंने टीवी की वॉल्यूम बढ़ा दी. ताकि उस आवाज को अपने ध्यान से हटा दूँ।

आखिरकार, वह आवाज रुक गई और इसी के साथ मैंने अपने दादाजी कि मुझे बुलाने की आवाज सुनी।

“क्या तुम ठीक हो?” उन्होंने पूछा। यदि तुम डर गये हो तो मैं अंदर आकर तुम्हारे साथ रुक सकता हूं। यह सुनकर मैं खुश हो गया और मैं दरवाजा खोलने के लिए जाने लगा पर तभी मैं रुक गया। मेरे पूरे शरीर में रोंगटे खड़े हो गये थे।

यह आवाज दादाजी की ही लग रही थी पर फिर भी यह अलग थी। मैं नहीं बता सकता कि कैसे…….पर अलग थी।

“तुम क्या कर रहे हो? दादा जी ने पूछा। तुम अब दरवाजा खोल सकते हो।

मैंने अपनी बाई ओर देखा और मेरी हड्डियां काँपने लगी। मैंने देखा कि कटोरों में भरा हुआ नमक अब धीरे-धीरे काला हो रहा था।

मैं दरवाजे से पीछे हटा। मेरा पूरा शरीर डर के मारे कांप रहा था। मैं अपने घुटनों पर बैठकर बुद्धा से प्रार्थना करने लगा।

“कृपया कर मुझे आज Hachishakusama से बचा लो” मैं रो रहा था। 

उसके बाद, मैंने दरवाजे के बाहर से वही आवाज सुनी। पो पो पो पो….. 

खिड़की पर, खटखटान फिर से शुरू हो गया। मुझ पर डर हावी हो रहा था। पूरी रात मैं बुद्धा की मूर्ति के सामने बैठा रो रहा था और प्रार्थना कर रहा था। 

मुझे लगा कि यह कभी-भी खत्म नहीं होगा। पर आखिरकार सुबह हो गई। उन चारों कटोरो में भरा नमक पूरी तरह से काला हो चुका था। 

मैंने अपनी घड़ी देखी। सुबह के 7:30 बज रहे थे। मैंने सावधानी से अपना दरवाजा खोला। 

के-सान और दादी मां बाहर खड़ी मेरा इंतजार कर रही थी। जब दादी मां ने मेरा चेहरा देखा तो वह रोने लगी। मैं बहुत खुश हूं कि तुम अभी-भी जिंदा हों, उन्होंने कहा। 

मैं सीढ़ियों से नीचे गया और मैं अपने माता-पिता को किचन में बैठा देख हैरान था। 

दादाजी अंदर आये और उन्होंने कहा “जल्दी करो! हमें निकलना होगा।”

हमने सामने के दरवाजे से बाहर जाकर एक बड़ी काले कलर की Van देखी, जो सड़क पर खड़ी हमारा इंतजार कर रही थी। गांव के कई सारे लोग उस Van के आसपास खड़े थे और मेरी ओर इशारा करते हुए कह रहे थे कि यही है वह बच्चा।

यह Van, 9 सीट वाली थी जिसके बीच में मुझे बैठाया गया और मेरे आसपास 8 लोग बैठे थे मुझे घेरे हुवे। के-सान ड्राइवर सीट पर बैठी हुई थी जो आदमी मेरे बाई ओर बैठा था उसने मेरी ओर नीचे देखा और कहा तुमने अपने आपको काफी मुसीबत में डाल लिया है। 

मैं जानता हूँ कि तुम शायद चिंता में होंगे। अपना सर नीचे रखना और अपनी आंखें बंद रखना। हम उसे नहीं देख सकते पर तुम देख सकते हो। अपनी आंखें तब तक मत खोलना जब तक कि हम एक सुरक्षित जगह पर ना पहुँच जाये। 

दादाजी सामने बैठे थे और मेरे पिता पीछे कार से हमारे साथ आ रहे थे। 

हम सभी काफी धीमे से चल रहे थे। लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से या शायद इससे भी कम। कुछ समय बाद के-सान ने कहा यहाँ से असली परेशानी शुरू होती है और इसके बाद, उसने प्रार्थना करना शुरू कर दिया। 

उसी समय, मुझे वही आवाज सुनाई दी….. पो पो पो पो…… 

मैंने उस चमड़े से बने कागज को अपने हाथों में टाइटली पकड़ रखा था। मैंने अपना सर नीचे कर रखा था। पर मैं बाहर की ओर देख रहा था। मैंने देखा कि एक सफेद कपड़ा हवा में लहरा रहा था। यह Van के साथ में ही चल रहा था। 

यह Hachishakusama थी। वह खिड़की के बाहर थी। पर वह हमारे साथ साथ ही चल रही थी और थोड़ी देर बाद वह नीचे मुड़ी और बहन के अंदर झांकने लगी। 

नहीं! मैं हाँफने लगा। 

मेरे बगल में बैठा आदमी चिल्लाया “अपनी आंखें बंद करो।” 

मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और मैंने उस चमड़े के कागज के टुकड़े को अपने हाथों में कस कर पकड़ लिया। 

उसके बाद, खटखटाने की आवाज शुरू हो गई। 

आवाज तेज होती गई………हमारे चारों ओर की खिड़कियों पर खटखटाना शुरू हो गया। 

Van में सभी लोग हैरान थे और अपने मन में वे कुछ बड़बड़ा रहे थे। 

वे उस 8 फिट लंबी औरत को नहीं देख सकते थे और ना ही उसे सुन सकते थे। पर वे लोग खिड़कियों पर खटखटाने की आवाज सुन सकते थे। 

के-सान जोर-जोर से प्रार्थना करने लगी। वह जोर से उस पर चिल्ला रही थी। वैन के अंदर काफी तनाव का माहौल बन गया था।

थोड़े समय बाद, खटखटाने की आवाज रुक गई और उसकी Hachishakusama की आवाज भी रुक गई थी। 

के-सान ने हमारी तरफ देखा और कहा कि अब हम ठीक हैं। मेरे आस-पास के सभी लोगों ने राहत की सांस ली।

मुझे वैन से उतारकर मेरे पिता की कार में शिफ्ट कर दिया गया। मेरी मां ने मुझे कसकर गले लगा लिया और उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे।

मेरे दादाजी और पिता ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया और वे सभी अपने रास्ते चले गये। के-सान मेरे पास आकर उस चमड़े के कागज के टुकड़े को दिखाने को कहा। जब मैंने उसे देखा तो वह पूरी तरह से काला हो गया था। 

“अब तुम ठीक हो और यह नया टुकड़ा लो और इसे अपने पास हमेशा रखना। के-सान ने कहा।

इसके बाद हम सभी प्लेन से उस जगह से निकल गये। मेरे दादाजी ने हमें सुरक्षित रूप से एयरपोर्ट पर छोड़ दिया। 

जब हम प्लेन में थे तब मेरे पिता ने बताया कि उन्हें उस 8 फीट लंबी औरत के बारे में पता था। बहुत समय पहले, उनका दोस्त उसके द्वारा पसंद किया गया था, उसके बाद वह गायब हो गया और फिर कभी नहीं दिखाई दिया। 

मेरे पिता ने कहा कि और भी कई दूसरे लोग थे जिन्हें उसके द्वारा पसंद किया गया था। उन सभी को उससे बचने के लिए जापान छोड़कर दूसरे देशों में सेटल होना पड़ा। उसके बाद वह लोग फिर कभी अपने घर नहीं आ पाये। 

वह बच्चों को ही अपना शिकार बनाती है क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता और फैमिली मेंबर्स पर डिपेंड रहते हैं, जिस कारण से हाचिशाकुसामा रिश्तेदारों के रूप में आकर बच्चों को आसानी से अपना शिकार बना लेती है। 

उन्होंने कहा कि वैन में बैठे सभी लोग हमारे रिश्तेदार थे और वह सभी तुम्हारी चारों ओर इसलिए बैठे थे ताकि हाचिशाकुसामा कंफ्यूज किया जा सके। उन सभी से कांटेक्ट करने और उनको यहाँ तक लाने में एक दिन लग गया इसलिए तुम्हें रात भर उस बंद कमरे में रहना पड़ा। 

उन्होंने बताया कि उन जेज़ोस Zezos मूर्तियों में से एक मूर्ति टूट गई होगी। जिस कारण से Hachishakusama आजाद हो गई होगी। 

मैं बहुत खुश था क्योंकि हम वापस अपने घर लौट आये थे। 

इस घटना को बीते 10 साल हो गये हैं। तब से मैंने अपने दादा-दादी को नहीं देखा। मैं जापान नहीं जा सकता। पर मैं अपने दादा-दादी से फोन पर बात करता हूं। सालों तक मैंने अपने आपको यह बताकर कन्वेंस किया कि यह सब कुछ झूठ है और जो भी मेरे साथ में हुआ था वह सब कुछ सपना था पर कभी-कभी मुझे इस पर यकीन भी होता है। 

मेरे दादाजी 2 साल पहले गुजर गये। जब वे बीमार थे तब उन्होंने मुझे उनसे मिलने के लिए मना कर दिया और उनकी आखिरी इच्छा भी यह थी कि मैं उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं आ सकता। 

यह बहुत ही दुख की बात थी। अभी कुछ दिन पहले ही मेरी दादी-मा ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा कि वह कैंसर से पीड़ित हैं। वह मुझे बहुत याद करती हैं और वह चाहती हैं कि मैं उनसे एक आखरी बार मिलू। 

“क्या आप निश्चित है, दादी-मा? मैंने पूछा “क्या ठीक होगा।”

“10 साल हो चुके हैं।” उन्होंने कहा। 

यह सब कुछ बहुत पहले हुआ था। अब तुम बड़े हो चुके हो। मुझे यकीन है कि अब कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। 

पर….पर… हाचिशाकुसामा के बारे में क्या? मैंने पूछा। 

कुछ समय के लिए फोन के दूसरी तरफ एक शांति थी। उसके बाद मुझे एक गहरी और भारी मर्दाना आवाज सुनाई दी। 

पो..पो…पो…पो..पो…पो…पो..पो…पो…पो..पो…पो…

लेखक दृष्टिकोण

दोस्तों, सच में, हाचिशाकुसामा यह लीजेंड वाकई में काफी डरावना है। खास तौर पर बच्चों के लिए तो। 

वैसे जब यह कहानी मैं अनुवाद कर रहा था तो मुझे अंत मैं काफी दुःख का अनुभव हुआ उस बच्चे के दादा और दादी के लिए। अगर यह घटना वास्तव में सच है तो इस अर्बन लीजेंड के बारे में जानना काफी मजेदार होगा। 

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको Hachishakusama शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग Horrorstoryhindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube ChannelCreepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।

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