दोस्त या भूत (Dost ya Bhoot)

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दोस्त या भूत (Dost ya Bhoot) Horror Story: यह बात उस समय की है, जब मैं अपने गाँव जा रहा था। मेरे गाँव पहाड़ों के बीच में बसा है, घनी आबादी से अलग-थलग। मेरे गाँव में एक कच्ची सड़क है, जिस पर केवल एक बस चलती है जो गाँव से बाहर तक ले जाती है और लाती है। मैं अपनी नानी के घर गया हुआ था और वही से ही लौट कर आ रहा था।

रात का समय था। बस ने मुझे गाँव के बाहर उतारा था क्योंकि सड़क गाँव से बाहर की ओर थी और मेरा घर गाँव के काफी अन्दर था। पर इससे मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि पहले भी मैं बहुत-सी बार सफ़र कर चुका हूँ। पर इस बार मैं काफ़ी देर रात गाँव में पहुँचा था। मैंने अपना सामान उतारा और उसे उठा कर अपने घर की तरफ बढ़ा। उस समय रात के लगभग साढ़े बारह बजे थे।

और जैसा की आप जानते हो, गाँव में लोग जल्दी ही सो जाया करते हैं तो वैसा ही था। पूरा गाँव सुनसान पड़ा था। ऐसा लग रहा था मानो जैसे गाँव नहीं कोई जंगल में आ गया हूँ। मुझे अब थोड़ा डर लगने लगा। मैं बस भगवान से प्राथना कर रहा था कि जल्दी से घर पहुँच जाऊँ, पर मेरा घर थोड़ा दूर था। लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे मेरा दोस्त सोमधर मिला।

उसने मुझे दूर से इशारा किया। मैं यह सोच रहा था कि इतनी रात में ये यहाँ क्या कर रहा है? पर खेर छोड़ो मैं तो बड़ा खुश था कि कम से कम मुझे कोई साथी तो मिल गया। अब मेरा डर कम हो गया है क्योंकि इस सन्नाटे में चुप्पी तोड़ने के लिए कोई तो है मेरे साथ।

उसने मेरे पास आके मेरा बैग उठाया और मेरे आगे-आगे चलने लगा। चलते हुए मैंने एक बात पर गौर किया कि ये इतना चुप-चुप क्यों है। ये जब से मुझे मिला है तब से कुछ नहीं बोला। क्योंकि मेरा दोस्त सोमधर तो बहुत ही बातूनी है और ये तो इतना शांत बड़ी ही अजीब बात है।

मेरा घर बस थोड़ी ही दुरी पर था। पर अब वो एक दूसरा रास्ता लेके खेतो की तरफ बढ़ने लगा। मैंने उसको कहा अरे भाई कहा जा रहे है हो, कब से देख रहा हूँ, बड़े ही चुप हो और ये खेतो की तरफ कहा जा रहे हो?

तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? उसने मेरा हाथ पकड़ा और जबर्दस्ती मुझे खेतो की तरफ ले जाने लगा। उसका हाथ बहुत ठंडा था, मुझे समझते हुए देर न हुई कि यह मेरा दोस्त नहीं है। वो मुझे पास ही के एक कुँवे तक घसीटते हुवे ले जा रहा था। मैं ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगा।

मेरी आवाज़ सुन कर गाँव के बहुत से लोग जग गये और मेरी तरफ दौड़कर आने लगे। जब वो मेरे पास आये। तब तक मैं बेहोश हो चुका था। सुबह जब मुझे होश आया तो मैं अपने घर पर था। मुझे उठा देख सब घर वाले मेरे पास आये और बोले तुम ठीक हो, तुम्हें क्या हो गया था?

तुम रात को बरगद के पेड़ से लिपटे हुए बेहोश पड़े थे। तुम्हारे साथ क्या हुआ था? मैंने उन्हें अपने साथ जो हुआ वो सब बताया। उस समय मेरा दोस्त सोमधर भी वहाँ ही था। वो बोला कि मैं तो रात को अपने घर पर सो रहा था।

तो वो कोन था जो मेरा साथ कल रात को था? मैं ऐसा सोचा और सब की तरफ देखने लगा।

So I hope Guys आपको यह Horror Story अच्छी लगी होगी।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।


दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “दोस्त या भूत (Dost ya Bhoot) Horror Story In Hindi” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Real Ghost Stories In Hindi में सुनने के लिये, हमारे ब्लॉग www.HorrorStoryHindi.com पर बने रहे। यदि आप YouTube पर Ghost Stories सुनना पसंद करते है तो मेरे YouTube ChannelCreepy Content” को सब्सक्राइब कर ले।

धन्यवाद!

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